प्रेस विज्ञप्ति (दिनांक :19/12/2025)
संवेदकों के भुगतान में हो रही देरी पर झारखण्ड चैम्बर ने जताई चिंता, शीघ्र समाधान का आग्रह किया
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भवन निर्माण निगम के माध्यम से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के पूर्ण हो चुके निर्माण कार्यों के अंतिम भुगतान, समय-वृद्धि की स्वीकृत राशि तथा सिक्योरिटी मनी की वापसी में हो रहे विलंब को लेकर फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने चिंता व्यक्त करते हुए माननीय मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, मुख्य सचिव और सभी सम्बंधित विभागों के सचिव को पत्राचार कर समस्या के शीघ्र समाधान हेतु हस्तक्षेप का आग्रह किया गया। संवेदकों की ओर से चैम्बर को लगातार मिल रही शिकायत पर आज चैम्बर भवन में भी एक बैठक हुई।
यह कहा गया कि झारखण्ड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के गठन से पूर्व आरंभ हुए अनेक निर्माण कार्य बाद में निगम को हस्तांतरित कर दिए गए, परंतु संबंधित विभागों के इंजीनियरिंग सेल में उपलब्ध धनराशि निगम को हस्तांतरित नहीं की गई। परिणामस्वरूप, अंतिम बिल, रनिंग बिल से काटी गई जमानत राशि एवं समय-वृद्धि मद की कटौती कोषागारों में अवरुद्ध पड़ी है। कई विभागों में अब न तो इंजीनियरिंग सेल है और न ही आहरण एवं संवितरण पदाधिकारी, जिससे भुगतान प्रक्रिया ठप हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मद में करोड़ों रुपये फंसे हुए हैं, जिससे राज्य के संवेदक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। यह मांग की गई कि विभिन्न विभागों में पड़ी जमानत राशि, समय-वृद्धि की कटौती एवं अप्रयुक्त धनराशि को शीघ्र झारखण्ड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के खाते में स्थानांतरित की जाय ताकि संवेदकों को उनके वैध एवं स्वीकृत देयों का अविलंब भुगतान हो सके।
चैम्बर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि राज्य में निर्माण कार्यों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने में संवेदकों की अहम भूमिका रही है, किंतु कार्य पूर्ण होने के बाद भी अंतिम भुगतान, जमानत राशि एवं समय-वृद्धि मद की राशि वर्षों से लंबित रहना चिंतनीय है। आवश्यक है कि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में अवरुद्ध धनराशि को शीघ्र झारखण्ड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड को हस्तांतरित कर संवेदकों को उनका वैध बकाया अविलंब दिलाई जाय।
महासचिव रोहित अग्रवाल ने कहा कि फेडरेशन को लगातार अपने सदस्य संवेदकों से शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि अंतिम बिल, सिक्योरिटी डिपॉजिट एवं समय-वृद्धि मद की कटौती का भुगतान न होने से वे गंभीर आर्थिक संकट में हैं। संबंधित विभागों में अब न तो इंजीनियरिंग सेल है और न ही डीडीओ। यदि इस समस्या का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो इसका प्रतिकूल असर राज्य में चल रहे एवं प्रस्तावित निर्माण कार्यों पर पड़ेगा। चैम्बर भवन में हुई बैठक में अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया, महासचिव रोहित अग्रवाल, सह सचिव नवजोत अलंग, कार्यकारिणी सदस्य मुकेश अग्रवाल, सदस्य पूनम आनंद एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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रोहित अग्रवाल
महासचिव
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