प्रेस विज्ञप्ति (दिनांक:- 13/12/2025)
पूर्ववर्ती वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट पर जीएसटी प्रतिपूर्ति के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग
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फेडरेशन ऑफ़ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने मुख्य सचिव, झारखंड को पत्राचार कर 01 जुलाई 2017 से पहले दिए गए सरकारी कार्यों पर जीएसटी लागू होने से ठेकेदारों पर बढ़े वित्तीय बोझ को लेकर तत्काल कदम उठाने की मांग की है।यह कहा गया कि जीएसटी काउंसिल और माननीय झारखंड उच्च न्यायलय के निर्देशों के बावजूद, राज्य सरकार ने अभी तक 01.07.2017 से पहले दिए गए कामों के लिए जीएसटी से होनेवाली टैक्स देनदारियों के निपटारे के लिए कोई स्पष्ट प्रशासनिक गाइडलाइन जारी नहीं की है।
चैम्बर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने राज्य सरकार से पूर्ववर्ती कार्यों के लिए जीएसटी से जुड़ी अतिरिक्त देयता की प्रतिपूर्ति हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने, ठेकेदारों को जीएसटी की अंतर राशि की प्रतिपूर्ति के लिए नीति बनाने तथा वाणिज्यकर विभाग द्वारा जारी एसओपी एसडी संख्या 33 की कॉलम संख्या 15 में आवश्यक संशोधन की मांग की। यह कहा कि यह क्लॉज़ कई पुराने वर्क ऑर्डर की प्रैक्टिकल स्थिति को ठीक से नहीं दिखाता है। इसलिए, एसओपी के कॉलम नंबर 15 की समीक्षा करने और उसमें सही बदलाव करने की तुरंत ज़रूरत है। चैम्बर महासचिव रोहित अग्रवाल ने कहा कि अन्य राज्यों, विशेष रूप से बिहार ने ठेकेदारों को जीएसटी अंतर की प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया संचालित करने हेतु समर्पित एजेंसियां नियुक्त की हैं। इसी प्रकार, भारतीय रेलवे, एनएचआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने भी ठेकेदारों को जीएसटी अंतर की प्रतिपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर परिपत्र जारी किए हैं। झारखंड सरकार को भी इसी प्रकार का प्रभावी तंत्र शीघ्र स्थापित करना चाहिए।
सह सचिव नवजोत अलंग ने कहा कि 01 जुलाई 2017 से पहले मिले कार्यों पर अतिरिक्त कर देयता ठेकेदारों के लिए गंभीर चुनौती बनी हुई है। विभाग द्वारा अब तक पहल नहीं करने से संवेदक कठिनाई महसूस कर रहे हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि शीघ्र ठेकेदारों को राहत दें ताकि परियोजनाओं का निष्पादन बाधारहित और समयबद्ध तरीके से हो सके। चैम्बर के जीएसटी (स्टेट) उप समिति के चेयरमैन ज्योति पोद्दार ने कहा कि जुलाई 2022 में जीएसटी की दरें 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी गई थीं। इस वृद्धि से ठेकेदारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा, लेकिन इस डिफरेंस का पैसा भी राज्य सरकार द्वारा अभी तक नहीं दिया गया है। इसपर पहल होनी चाहिए। इस मुद्दे पर आज चैम्बर भवन में भी पदाधिकारियों की एक बैठक हुई। बैठक में कार्यकारिणी सदस्य मुकेश अग्रवाल और सदस्य श्रवण कुमार भी उपस्थित थे।
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रोहित अग्रवाल
महासचिव
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