प्रेस विज्ञप्ति (दिनांक :29/11/2025)
झारखंड के औद्योगिक भविष्य, संसाधन नीति और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर सार्थक संवाद
वित्त आयोग के साथ झारखंड के मुद्दों पर बैठक सुनिश्चित करेंगे:- सुरेश प्रभु
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फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ द्वारा आज चैम्बर भवन में आयोजित विशेष सत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर अन्य प्रतिष्ठित अतिथियों ने झारखंड की आर्थिक दिशा, प्राकृतिक संसाधनों और नीतिगत प्राथमिकताओं पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। संगोष्ठी का संचालन चैम्बर की कार्यकारिणी सदस्य पूजा ढाढा द्वारा किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन के दौरान चैम्बर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि झारखंड चैंबर यह दृढ़ता से मानता है कि पूर्वी भारत के विकास का समय अब है। पारदर्शी नीतियों, उद्योग–सरकार समन्वय, आधारभूत संरचना में तेजी से सुधार और संसाधनों के वैज्ञानिक उपयोग से यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि का प्रमुख इंजन बनेगा। हम केन्द्र और राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि झारखंड के विकास मॉडल को ईस्टर्न ग्रोथ कॉरिडोर की दृष्टि से प्राथमिकता दें ताकि यहां के उद्योग, खनन, एमएसएमई, स्टार्टअप और सेवा क्षेत्र राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अग्रणी भूमिका निभा सकें।
प्रख्यात अर्थशास्त्री अयोध्या नाथ मिश्र ने झारखंड की वर्तमान आर्थिक स्थिति पर विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि झारखंड के सामने चुनौतियाँ तो हैं परंतु अवसर कहीं अधिक बड़े हैं। औद्योगिक विकास, क्षेत्रीय समन्वय, रोजगार सृजन, और संसाधनों के न्यायपूर्ण उपयोग पर ध्यान देकर राज्य की विकास गति को तेज किया जा सकता है।
झारखण्ड के पूर्व सांसद राज्यसभा श्री महेश पोद्दार ने चिंता जताई कि देश में तकनिकी रूप से काफी प्रयास हो रहे हैं। नई इकनोमिक महत्व काफी बढ़ गया है और हम-घूम फिरकर 40 प्रतिशत मिनरल पर आ जाते हैं, जिसका महत्व कम होते जा रहा है। जिसे वैल्यू एडिशन की दरकार है। यहाँ माननीय मुख्यमंत्री ने 2050 तक विकसित झारखण्ड की बात की, जिसका स्वागत है। वहीं माननीय प्रधानमंत्री जी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। दोनों में कोई खास अंतर नहीं किंतु देश की वृद्धि दर से करीब-करीब झारखण्ड की भी वृद्धि दर होनी चाहिए। और पीछे जो हम पिछड़ गए हैं उसे ध्यान में रखते हुए उससे तेजी से आगे बढ़ना पड़ेगा तभी देश के साथ हम कदमताल कर पाएंगे नहीं तो हम पीछे रह जायेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने अपने संबोधन मे कहा कि झारखंड अपार संभावनाओं वाला राज्य है जहाँ उद्योग, खनन और संसाधन-आधारित विकास के बड़े अवसर मौजूद हैं। झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से अत्यंत समृद्ध राज्य है। यहाँ खनिजों का विशाल भंडार है, जिसका उपयोग पूरे देश के औद्योगिक ढाँचे में होता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसे संसाधन-समृद्ध राज्य को खनिजों पर प्रीमियम रॉयल्टी मिलनी चाहिए ताकि झारखंड को उसके संसाधनों के अनुरूप आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने जोर दिया कि यह राज्य का अधिकार है और इसे नीतिगत रूप से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने झारखण्ड सरकार से नार्मल मिनरल के साथ रेर अर्थ पर विशेष ध्यान देने की बात पर जोर दिया। यह कहा कि रेर अर्थ विश्व की बड़ी चीज हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड में वन संपदा का विशाल भंडार है, जिसकी सुरक्षा और संतुलित उपयोग से राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया जा सकता है। चूँकि देश आगे बढ़ रहा है ऐसे में कही झारखण्ड पीछे न छूट जाये। अपने वक्तव्य में उन्होंने आश्वस्त किया कि वित्त आयोग के साथ एक बैठक शीघ्र आयोजित की जाएगी, जिससे झारखंड के उद्योग जगत से जुड़े मुद्दों पर प्रभावी संवाद हो सकेगा। उन्होंने पुनः झारखण्ड चैम्बर के साथ संवाद करने के लिए आश्वस्त किया। यह भी कहा कि एक क्षेत्र की जरुरत दूसरे क्षेत्र से अलग है। उनका जिलों के विकास पर काफी जोर था।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन महासचिव रोहित अग्रवाल ने दिया। उन्होंने आशा जताई कि भव्य मे भी ऐसे ही सुरेश प्रभु का संबोधन प्राप्त होगा। संगोष्ठी में चैम्बर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया, राम बांगड़, महासचिव रोहित अग्रवाल, सह सचिव नवजोत अलंग, रोहित पोद्दार, कोषाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य मुकेश अग्रवाल, डॉ. अभिषेक रामाधीन, मनीष सराफ, पूजा ढाढा, तुलसी पटेल, अमित शर्मा, शैलेश अग्रवाल, विनीता सिंघानिया, पूर्व अध्यक्ष आरके सरावगी, केके साबू, अंचल किंगर, ललित केडिया, पवन शर्मा, मनोज नरेड़ी, रंजीत टिबड़ेवाल, सदस्य पूनम आनंद, पंकज मक्कड़, जेपी शर्मा, आनंद जालान, प्रियंक भगत, किशन अग्रवाल, आरके चौधरी, शशांक भारद्वाज, केके गोयनका समेत सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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रोहित अग्रवाल
महासचिव
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