Press Release

अहारी उप समिति की बैठक

  • 30Oct-2025
    प्रेस विज्ञप्ति (दिनांक :30/10/2025)
    अहारी उप समिति की बैठक
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    झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अहारी उप समिति की बैठक आज चैंबर भवन में संपन्न हुई। बैठक में चैंबर उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया, राम बांगड, महासचिव रोहित अग्रवाल, सह सचिव रोहित पोद्दार, उप समिति चेयरमेन आनंद कोठारी, सदस्य मुकुल सिंह, ओम प्रकाश उपाध्याय, मनीष पियूष, आदित्य कुमार, सनोज महतो, सुबोध प्रसाद एवं आकाश कोठारी उपस्थित थे। सबों ने राज्य के समग्र कृषि विकास एवं कृषि आधारित उद्योग, कृषि उत्पाद के निर्यात व किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य सुनिष्चित हो इसपर चर्चा की। यह कहा गया कि वर्तमान में राज्य में अवस्थित कृषि बाजार समिति में किसानों से उनके उत्पाद की खरीद बिक्री की कोई व्यवस्था नहीं है जबकि बाजार समिति का गठन एवं बाजार समितियों का निर्माण किसानों के हित के लिए किया गया है। राज्य सरकार से आग्रह किया गया कि सभी राज्य के बाजार समितियों में किसानों से सीधे उनके उत्पाद की खरीद बिक्री की समुचित सुविधा उपलब्ध कराई जाय एवं बाजार समिति के प्रांगण में किसानों के लिए कार्यालय एवं विश्राम की व्यवस्था की जाय। सभी बाजार समितियों से अन्य विभागों का अतिक्रमण हटाया जाय। राज्य में किसानों के हित में एपीएफएमसी कानून को लागू किया जाय एवं इसके अंतर्गत उपलब्ध सभी सुविधाओं को किसानों को उपलब्ध कराया जाय।
     
    यह भी कहा गया कि राज्य में कृषि निर्यात के लिए अनुकूल इको सिस्टम एवं आधारभूत संरचना को विकसित कराया जाना आवश्यक है। इस हेतु जरूरी है कि राज्य में अपेडा का कार्यालय खुलवाया जाय साथ ही बिरसा मुंडा एयरपोर्ट का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में उन्नयन कराया जाय तथा वहां से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कृषि उत्पाद के निर्यात के लिए कारगो सिस्टम की सुविधा उपलब्ध कराई जाय। राज्य में ड्राई पोर्ट एवं इंटीग्रेटेड पैक हाउस स्थापित कराये जाने से इस व्यवस्था में सुधार संभव है।
     
    उप समिति चेयरमेन आनंद कोठारी ने कहा कि राज्य गठन हुए 25 वर्ष पूर्ण हो गये किंतु राज्य में अभी भी सुनिश्चित सिंचाई की व्यवस्था मात्र 15 फीसदी है जबकि राज्य में 1200 से 1600 मी0मी0 वर्षा होती है। सरकार से आग्रह है कि वर्षों निर्माणाधीन वृहद सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध सीमा में पूर्ण कराया जाय एवं इसके नियमित प्रगति की समीक्षा के लिए राज्यस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जाय। यदि सरकार दृढसंकल्पिक होकर कार्य करे तो राज्य में अल्प समय में ही सुनिश्चित सिंचाई की व्यवस्था 15 फीसदी से बढाकर 50 फीसदी की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष धान की पैदावार काफी अच्छी होगी, ऐसे में जरुरी है कि किसानों से एमएसपी दिसंबर माह से क्रय प्रारंभ किया जाय एवं क्रय केंद्रों की संख्या बढाकर पंचायत स्तर पर किया जाय। साथ ही धान का क्रय मूल्य छत्तीसगढ एवं ओडिसा सरकार के समकक्ष निर्धारित किया जाय एवं यह सुनिश्चित किया जाय कि किसानों को धान का मूल्य तुरंत मिल जाय एवं उनके धान के क्रय में किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
     
    चर्चाओं के क्रम में यह भी कहा गया कि राज्य में दुग्ध उत्पादन पर्याप्त मात्र में नहीं होता है। अभी भी लाखों लीटर दूध अन्य राज्यों से आता है। राज्य में पर्याप्त दुग्ध उत्पादन बढाने के लिए कॉमर्षियल स्तर पर डेयरी फॉर्मिंग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। पूर्व में जिस प्रकार 50, 100, 150 गायों की डेयरी फॉर्म को विकसित करने के लिए सरकार द्वारा योजना चलाई जा रही थी और इस कारण राज्य में अनेकों कॉमर्षियल स्तर पर डेयरी फॉर्म का विकास हुआ किंतु विगत कई वर्षो से इस योजना को स्थगित कर दिया गया है। सरकार से आग्रह किया गया कि इस योजना को पुनः लागू कर राज्य के उद्यमियों को इस व्यवसाय को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाय।
     
    सदस्यों ने यह भी कहा कि व्यवसायिक स्तर पर डेयरी फार्म संचालन के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स की आवश्यकता है। इसलिए सरकार द्वारा बिरसा कृषि विष्वविद्यालय एवं उद्योग विभाग द्वारा तकनीकी गव्य प्रषिक्षित मानव संशाधन तैयार हो सके जो रोजगार सृजन का भी माध्यम बनेगा। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत डेयरी विश्वविद्यालय को सुदृढ़ किया जाय एवं वहां पर कॉमर्षियल स्तर पर डेयरी फार्मों के संचालन के लिए आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षित मानव संशाधन तैयार किया जा सके। बैठक में यह आशा व्यक्त की गई कि राज्य की 70 प्रतिशत आबादी कृषकों, राज्य के बेरोजगार युवाओं एवं राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को विकसित कराने के लिए सरकार हमारे प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करते हुए इन सुविधाओं को समयबद्ध सीमा में लागू करेगी।
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    रोहित अग्रवाल
    महासचिव

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